नवरात्रि के दौरान रसोपवास, फलोपवास, दुग्धोपवास, लघु उपवास, अधोपवास और पूर्णोपवास किया जाता है। जिसकी जैसी क्षमता होती है वह वैसा उपवास करता है। 6. व्रत में यात्रा, सहवास, वार्ता, भोजन, गालीबकना आदि त्यागकर नियमपूर्वक व्रत रखना चाहिए तो ही उसका फल मिलता है।
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