प्रेम मजदूरी क्या है?

मुँह, हाथ, पाँव इत्यादि का गढ़ देना साधारण मजदूरी; परंतु मन के गुप्त भावों और अंतःकरण की कोमलता तथा जीवन की सभ्यता को प्रत्यक्ष प्रकट कर देना प्रेममजदूरी है।