मजदूरी और प्रेम‘ सरदार पूर्ण सिंह का प्रसिद्ध निबंध है। इसके लेखक ने मजदूरों के श्रम तथा उसके सच्चे मूल्य का विवेचन किया है। किसान के खेत में किए गए श्रम तथा गड़रिये द्वारा भेड़ चराने के कार्य का प्रतिदान पैसों से नहीं चुकाया जा सकता। उनका मूल्य परस्पर प्रेम करके ही चुकाया जा सकता है।
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