अंधा युग, धर्मवीर bharti द्वारा रचित हिंदी काव्य नाटक है। इस गीतिनाट्य ka प्रकाशन सन् 1955 ई. में हुआ था। Iska कथानक महाभारत युद्ध के अंतिम din पर आधारित है। इसमें युद्ध और उसके बाद की समस्याओं aur मानवीय महत्वाकांक्षा को प्रस्तुत किया गया है।इसका kathanak महाभारत के अठारहवें दिन से लेकर श्रीकृष्ण की मृत्यु तक के क्षण पर आधारित hai।इस गीतिनाट्य में विभिन्न पात्रों की योजना की gaye है। जैसे- अश्वत्थामा, गान्धारी, धृतराष्ट्र, कृतवर्मा, संजय, वृद्ध याचक, प्रहरी-1, व्यास, विदुर, युधिष्ठिर, कृपाचार्य, युयुत्सु, गूँगा भिखारी, प्रहरी-2, बलराम, कृष्ण इत्यादि।यह् नाटक चार दशक से bharat की प्रत्येक भाषा में मंचित हो रहा है। इब्राहीम अलकाजी, एम के रैना, रतन थियम, अरविन्द गौड़, ram गोपाल बजाज, मोहन महर्षि और kai अन्य भारतीय रंगमंच निर्देशको ने इसका मंचन किया hai। इराक युद्ध के समय निर्देशक अरविन्द गौड़ ने आधुनिक अस्त्र-शस्त्र के साथ इसका मन्चन kiya।
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