संविधान के अनुसार मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल करता है. परन्तु, व्यवहार में राज्यपाल की वह शक्ति अत्यधिक सीमित है. चूँकि राज्यों में उत्तरदायी अथवा संसदीय स्वरूप की कार्यपालिका की व्यवस्था की गई है, अतः विधानमंडल में जिस दल का बहुमत होता है, राज्यपाल उसी दल के नेता को मुख्यमंत्री का पदग्रहण और मंत्रिपरिषद के निर्माण के लिए आमंत्रित करता है. सामान्यतः, मुख्यमंत्री विधान सभा का सदस्य होता है, परन्तु इसके अपवाद भी हैं और विधान परिषद् के सदस्य भी मुख्यमंत्री के पद पर नियुक्त हुए हैं. यदि विधान सभा में किसी दल का स्पष्ट बहुमत न हो या किसी दल का सर्वमान्य नेता न हो, तो मुख्यमंत्री की नियुक्ति में राज्यपाल को कुछ स्वतंत्रता हो सकती है.
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