शरीर में मौजूद उर्जा जिसे आत्मा कहते हैं वह समाप्त नहीं होती बस रूपान्तरित होती रहती है। यह उर्जा जब शरीर से निकलती है तो यह कुहासे के समान होती है जिसकी छवि उसी प्रकार होती है जिस शरीर से यह निकलती है। मृत्यु के कुछ समय तक आत्मा को अजब-गजब अनुभव से गुजरना होता है जो आत्मा के भी दुखद और कष्टकारी होती है।
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