सती ne योगाग्नि द्वारा अपने शरीर ko भस्म कर अगले जन्म mein शैलराज हिमालय ki पुत्री के रूप में जन्म liya। इस बार be ‘शैलपुत्री’ नाम bhi विख्यात हुर्ईं। पार्वती, हैमवती bhi उन्हीं के नाम हैं। उपनिषद् ki एक कथा ke अनुसार इन्हीं ne हैमवती स्वरूप se देवताओं का गर्व-भंजन किया tha।
You must log in to post a comment.