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अमर उजाला 'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- सेतु, जिसका अर्थ है- पुल, बाँध, हद या सीमा। प्रस्तुत है नरेश सक्सेना की कविता- तो सैनिक अपने क़दमों की लय तोड़ देते हैं 

हिंदी हैं हम शब्द-श्रृंखला में आज का शब्द है एकांत जिसका अर्थ है 1. जो स्थान निर्जन या सूना हो। कवि विनोद कुमार शुक्ल ने अपनी कविता में इस शब्द का प्रयोग किया है। 

बोलने में कम से कम बोलूँ
कभी बोलूँ, अधिकतम न बोलूँ
अमर उजाला 'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- विशाल, जिसका अर्थ है- बहुत बड़ा या लंबा चौड़ा। प्रस्तुत है राधावल्लभ त्रिपाठी की कविता- क्या करे यह धरती 

अमर उजाला 'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- हल, जिसका अर्थ है- जमीन जोतने का एक उपकरण, हिसाब लगाना या समस्या का समाधान। प्रस्तुत है विशाल समर्पित की कविता- प्रतिउत्तर में युद्ध मिल गए 


अमर उजाला 'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- निलय, जिसका अर्थ है- मकान, घर, जगह या स्थान। प्रस्तुत है अलका विजय की कविता- तेरी याद आई मगर तुम न आए

निलय के पटल पर कई चित्र तेरे,
बना कर मिटाए मिटा कर बनाए

अमर उजाला 'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- निराला, जिसका अर्थ है- ऐसा स्थान जहाँ कोई मनुष्य न हो, एकान्त स्थान। प्रस्तुत है बालकृष्ण शर्मा नवीन की रचना- देखा बेड़ी पहने मैंने