प्लॉटर की परिभाषा (definition of plotter in hindi)प्लोटर एक आउटपुट उपकरण है जो की ग्राफ और डिज़ाइन को छापने का काम करता है। यह सामान्य रूप से बड़े आकार के ग्राफ और मैप जैसे की इंजीनियरिंग डिज़ाइन, चित्र और बड़े आकार के पोस्टर बनाने के काम आता है। … यह प्लोटर आउटपुट की छपाई देने का काम करता है।
छोटे मोटे Pictures को print करने के लिए हम Printers का इस्तमाल करते हैं. जिन्हें की आप सभी ने अपने घरों में, offices में यहाँ तक की दुकानों में जरुर से देखा होगा.
लेकिन जब बात बड़े size की print की होती है, जैसे की किसी Building का structure, किसी bridge या dam का blue print का तब आप इन जगहों में normal printer का इस्तमाल नहीं कर सकते हैं. यहाँ पर जिस device का इस्तमाल किया जाता है उसे Plotter कहते हैं.
ये प्लॉटर एक प्रकार के special output device होते हैं जिनका इस्तमाल graphs, large designs के hard copy प्रिंट करने के लिए इस्तमाल किया जाता है. जैसे की construction maps, engineering drawings, architectural plans और business charts.
इन प्लॉटर मशीन को या तो आप एक peripheral component के हिसाब से अपने computer system में add कर सकते हैं या एक standalone device के तोर पर उनकी अपनी ही internal processor के साथ run कर सकते हैं.
इसलिए यदि आपको Plotter के विषय में पूरी जानकारी प्राप्त करनी है तब आपको यह article प्लॉटर मशीन क्या है की पूरी तरह से पढना होगा. तो बिना देरी किये चलिए आगे बढ़ते हैं.
एक प्लॉटर असल में एक printer ही होता है जिसे की design किया गया होता है vector graphics को print करने के लिए. ये paper में individual dots को print करने के जगह में, plotter continuous lines draw करते हैं. यही plotter को ideal बनाते है architectural blueprints, engineering designs, और दुसरे CAD drawings को करने के लिए.
ये plotter एक प्रकार के graphics printer होते हैं जो की ink pens का इस्तमाल करते हैं images को draw करने के लिए. इसमें pens अक्सर paper के surface में move करते हैं. वहीँ इन Plotters का इस्तमाल vector graphics format के लिए भी होता है.
सबसे पहला plotter का invention Remington-Rand के द्वारा सन 1953 में हुआ था. ये असल में एक conjunction था UNIVAC computer के साथ, जिसका इस्तमाल technical drawings create करने के लिए किया जा रहा था.
यदि आपको समझना है की प्लॉटर मशीन कैसे काम करते हैं, तब आपको इसके दो मुख्य types के विषय में जानना होगा, जो की हैं : flatbed plotters और drum plotters.
Flatbed plotters में एक ऐसा system का इस्तमाल होता है जहाँ की paper को fix रखा जाता है, और plotter pen को ऊपर और नीचे move करता है और वहीँ left और right भी, ये ऐसा paper पर required marks draw करने के लिए करता है.
Drum plotters में pen को up और down move किया जाता है, और साथ में paper को left और right करने के लिए drum को rotate किया जाता है. यह enable करता है drum plotters को एक footprint छोटा होने के लिए final paper size की तुलना में.
Plotters में एक से ज्यादा pen का भी इस्तमाल किया जा सकता है, जिससे ये इसे अलग अलग colours को draw करने के लिए allow करता है.
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